आये है जहां मे,
कुछ करके जाना है।
आये है बनके इन्सान,
इन्सान बना रहेना है।
नफ़रत भरे इस जहा मे,
सब्को प्यार सिखा जाना है।
है खुदा सबके दिल मे,
येह अब सब्को समजा जाना है।
बनानेवाला जब एक है हमे,
तोह किसि मे भेद हमे ना करना है।
आये है जहां मे,
कुछ करके जाना है।
आये है बनके इन्सान,
इन्सान बना रहेना है।
मन्ज़िल जब है एक सबकि,
तोह किसि के रासते मे नहि आना है।
कर पाये जितना अच्छा उतना करना है,
मगर किसिका बुरा कुछ भि नहि करना है।
आये है जहां मे,
कुछ करके जाना है।
आये है बनके इन्सान,
इन्सान बना रहेना है।
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