Jimit Rajeshkumar Zaveri
Pages
Home
Thursday, June 9, 2011
इन्तेज़ार है
आन्खो मे आन्सु है,
पर लबों पर हसि है.
दिल मे दर्द है,
पर बातों मे खुशी है.
जा रहा हु दुर तुमसे,
पर मिलने कि उम्मिद है.
रुथि हुए येह जिंदगी है मेरी,
पर तेरे हि प्यार का इन्तेज़ार है.
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment